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उत्तराखंड में पुराने बिजली के मीटरों को हटाकर नये स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू, जानें योजना…

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उत्तराखंड में पुराने बिजली के मीटरों को हटाकर नये स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू, जानें योजना…

उत्तराखंड वासियों के लिए काम की खबर है। अब आपका बिजली का मीटर जल्द बदलने वाला है। पुराने मीटर हटाकर उनकी जगह पर अब स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे। यूपीसीएल ने जल्द ही पुराने बिजली के मीटरों को हटाकर नये स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू कर दी है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद आपको हर दिन एसएमएस के जरिये इस्तेमाल की गई यूनिट की जानकारी सहित कई जानकारियां फोन पर मिल सकेंगी। इससे आपको कई लाभ होंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जल्द ही 16 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए केंद्र से बजट की मंजूरी मिल गई है। उत्तराखंड में मार्च 2023 के बाद से घरों में पुराने बिजली के मीटर के स्थान पर नए स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे । इसके बाद न मीटर रीडिंग की टेंशन रहेगी न ही बिल भुगतान को लेकर लाइन में लगने की ।
स्मार्ट मीटर में प्रीपेड मीटर जैसी व्यवस्था होने के बावजूद रात के समय और यहां तक की सार्वजनिक अवकाश वाले दिन भी पावर कट नहीं होगा । भले ही प्रीपेड व्यवस्था में पैसे न हों ।

केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत उत्तराखंड में 16 लाख नए स्मार्ट मीटर लगने हैं । इन स्मार्ट मीटर में प्रीपेड मीटर जैसी व्यवस्था भी रहेगी । इसके बाद ऊर्जा निगम को बिजली भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं के चक्कर नहीं काटने होंगे । जैसे ही प्रीपेड मीटर के रूप में आपके नए स्मार्ट मीटर में रिचार्ज खत्म होगा , बिजली अपने आप कट जाएगी । इस सिस्टम में उपभोक्ताओं के लिए राहत की भी व्यवस्था की गई।

बताया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर लगने का बाद इनपर ऑनलाइन पूरा नियंत्रण यूपीसीएल के पास होगा। माना जा रहा है की स्मार्ट मीटर लगने से बिजली घाटे से भी यूपीसीएल उभर पायेगा। इसके अलावा उपभोक्ता की बिजली ख़पत की जानकारी उनके पास रहेगी, साथ ही बिजली मीटर रीडिंग लेने के लिए मैन पावर जैसी समस्याएं ख़त्म हो जायेंगी। मैन्यूअल काम कम हो जायेंगे।

आरडीएसएस योजना में एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर सिस्टम के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। 16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगेंगे। इसके लिए केंद्र के स्तर से 22 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी।
केंद्र की ओर से जारी 2600 करोड़ रुपए के बजट में अन्य योजनाओं पर काम होने के बाद शेष बजट स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को अपने स्तर पर खर्च करना होगा। मीटर लगाने ऐप पर 1 बिलिंग सिस्टम विकसित करने के साथ ही मोबाइल एप भी विकसित करना होगा।

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