उत्तराखंड
दून में मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा प्रतिबंधित, लिए गए ये बड़े फैसले…
उत्तराखंड में आमजन की समस्याओं को लेकर आरटीए की बड़ी बैठक हुई। बताया जा रहा है कि बैठक में आरटीए के सचिव/आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने 25 बिंदु चर्चा के लिए रखे। बैठक में जहां कई बड़े फैसले लिए गए है, तो वहीं ई-रिक्शा के नए पंजीकरण पर रोक लगा दी साथ ही ई रिक्शा चालकों पर चार गुना जुर्माना लगाने के साथ ही संचालन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गढ़वाल मंडलायुक्त/आरटीए के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में हुई आरटीए की बैठक हुई। बैठक में शहरी व पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सेवा बढ़ाने के लिए स्टेज कैरिज परमिट के तहत ओमनी, मिनी व बड़ी बसें चलाने की स्वीकृति दी गई। उत्तरकाशी में दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न मार्गों पर गति-सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु शहरों में बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुधारने का रहा। वहीं बैठक में दून शहर में सुबह आठ से रात्रि आठ बजे तक मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित रखने को लेकर फैसला लिया गया। वहीं एसएसपी व एसपी यातायात को व्यवस्था का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बताया जा रहा है कि नियमों के उल्लंघन पर ई-रिक्शा पर अब चार गुना जुर्माना लगेगा । न्यूनतम 500 रुपये जुर्माने को दो हजार रुपये किया गया है। टिहरी में दो और उत्तरकाशी में 15 नए मार्गों पर यात्री वाहन चलाने की स्वीकृति दी गई है। दुर्घटनाओं को देखते हुए उत्तरकाशी में वाहनों की गति-सीमा तय की गई है, साथ ही दून में मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा प्रतिबंधित किया गया है।वहीं इससे पहले बैठक में 24 प्रस्तावों पर विचार विमर्श के साथ ही डोर टू डोर वाहनों के लिए ई रिक्शा चालकों को ऑटो का परमिट देने के निर्देश दिए गए।
बताया जा रहा है कि बैठक में आम जनता को डोर टू डोर तक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने और यातायात कम करने के साथ वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की बात की गई. इसके तहत देहरादून शहर के अंतर्गत नए यूरो 6 या फिर नए सीएनजी ऑटो के परमिट देने के लिए ई रिक्शा चालकों को प्राथमिकता दिए जाने पर बात की गई, लेकिन ऑटो चालक इसके विरोध में उतर आए. जिस पर कमिश्नर पांडे ने कहा कि वर्तमान में जितने ई रिक्शा चालक हैं, उन्हें ही ऑटो का परमिट दिया जाएगा.जिस पर ऑटो चालकों ने बैठक के दौरान बाहर नारे लगाने शुरू कर दिए। ऐसे में गढ़वाल कमिश्नर ऑटो चालकों पर भड़क पड़े।