उत्तराखंड
उत्तराखंड कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से पार्षद को किया निलंबित, तीन दिन में मांगा जवाब
देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। पार्टी ने एक पार्षद को निलंबित कर दिया है। ये कार्रवाई देहरादून नें नगर निगम की बोर्ड बैठक में कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट द्वारा राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले को पत्थरबाज कहने पर हुए हंगामें के बाद की गई है। साथ ही पार्टी ने पार्षद मीना बिष्ट को निलंबित कर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया है। पत्र जारी कर कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी तत्काल प्रभाव से आपकी सदस्यता निलम्बित करती है। आप 3 दिन के अन्दर अपना स्पष्टीकरण माफीनामे के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लिखित रूप से प्रस्तुत करें अन्यथा आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई की जायेगी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जानकारी के मुताबिक सोमवार को नगर निगम में आयोजित बोर्ड बैठक के दौरान चंदर नगर से कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया। कहा कि वह गुंडे थे, जिन्होंने दूसरे के घर पर पत्थर फेंका था। जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया और पार्षद आमने-सामने आ गए। इतना ही नहीं आक्रोश में पार्षद मीना बिष्ट ने बलिदानी राजेश रावत की तुलना आतंकवादी से कर दी। हंगामा बढ़ने के बाद मीना बिष्ट बिना माफी मांगे ही सदन छोड़कर चली गईं। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश परमार ने सदन में माफी मांगी। परमार मोहब्बेवाला के पार्षद हैं। मामले में हरीश रावत ने भी माफी मांगी। तो वहीं अब पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्षद को निलंबित कर दिया।
पार्टी द्वारा जारी में लिखा गया है कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी स्व० राजेश रावत अन्य आन्दोलनकारियों के सम्बन्ध में दिनांक 25 अप्रैल, 2022 को नगर निगम सदन में आपके द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी से मैं स्वयं कांग्रेस पार्टी, राज्य निर्माण आन्दोलनकारी एवं आम जनता आहत हुई है। उत्तराखण्ड राज्य का सपना आन्दोलन के शहीदों की शहादत के कारण साकार हो पाया तथा उत्तराखण्ड राज्य शहीद आन्दोलकारियों की धरोहर है। स्व० राजेश रावत ने राज्य निर्माण आन्दोलन में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। आपके द्वारा सदन में किया गया अमर्यादित व्यवहार आपके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है तथा आपके इस अमर्यादित व्यवहार से कांग्रेस पार्टी संगठन की छबि धूमिल होने के साथ ही जनता के मध्य गलत संदेश गया है, जिसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गम्भीरता से लिया गया है।