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कब्रिस्तान पर भू माफियाओं के कब्जे के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, की गई ये मांग…

उत्तराखंड

कब्रिस्तान पर भू माफियाओं के कब्जे के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, की गई ये मांग…

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने कब्रिस्तान पर भू माफियाओं के कब्जे के खिलाफ आज देहरादून के गांधी पार्क में जोरदार प्रदर्शन किया।
सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित करते हुए कब्जे हटाए जाने की मांग की।

सुबह 10:00 बजे ही देहरादून कारगी क्षेत्र के निवासी यूकेडी के बैनर तले गांधी पार्क के बाहर हाथों में नारे वाली तख्तियां लिए हुए जुटना शुरू हो गए थे और शासन प्रशासन तथा सरकार भू माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी करने लगे।

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि कारगी ग्रांट स्थित कब्रिस्तान के बाद सचिवालय आवास सहकारी समिति के नाम पर सचिवालय के कुछ अधिकारियों ने एक हाउसिंग सोसायटी बनाई है। इसमें जाने के लिए कोई रास्ता ना होने के बावजूद इसे पास कर दिया गया।

अब सोसाइटी के पदाधिकारी भू माफिया के साथ मिलकर जबरन कब्रिस्तान तथा आसपास के लोगों की जमीनों को कब्जा कर रास्ता बना रहे हैं। जबकि रास्ते के लिए इनके पास ना तो कोई भूमि है और ना ही इन्हीं सरकार से कोई भूमि आवंटित हुई है।

यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि भू माफिया जबरन स्थानीय निवासियों को डरा धमका रहे हैं और मार पिटाई कर रहे हैं।

क्षेत्र में सामाजिक संस्था चलाने वाली गुलिस्ता खानम ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस भू माफिया के साथ मिली हुई है और उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

यूकेडी महिला मोर्चा केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना इस्तवाल और उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ने हाउसिंग सोसाइटी के लिए पद का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

इस्लाम और आफताब  सिटी मजिस्ट्रेट को बताया कि कब्रिस्तान तक जाने का विरोध करने पर पुलिस ने उल्टा उन पर ही लाठीचार्ज किया और उन्हें बुरी तरह पीटा।

इस अवसर पर प्रदर्शन में शामिल स्थानीय निवासियों और उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने एक सुर में यह संकल्प जताया कि किसी भी कीमत पर कब्रिस्तान को नहीं कब्जाने दिया जाएगा।

इस अवसर पर प्रदर्शन में शकील, दिलशाद, मौसी, उस्मान, नवाब, शमशाद, सत्तार , जावेद, रिजवान ,आलम, शाहबाज, गुलफाम आदि दर्जनों स्थानीय निवासी और यूकेडी कार्यकर्ता शामिल थे।

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