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यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग ने किया अनुबंध, मिनटों में होगा घंटो का सफर…

उत्तराखंड

यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग ने किया अनुबंध, मिनटों में होगा घंटो का सफर…

आने वाले समय में श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए यमुनोत्री पहुंचना आसान हो जाएगा। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री धाम तक बनने वाले रोपवे के लिए अनुबंध किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को प्रदेश के पर्यटन विभाग व निजी निर्माण कंपनी एसआरएम इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये।

3.38 किलोमीटर लंबाई का यह रोपवे मोनो-केबल डिटैच्चेबल प्रकार का होगा। इसका निर्माण यूरोपीय मानको के अनुसार फ्रांस और स्विट्जरलैंड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 पर्यटकों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच की क्षमता आठ यात्रियों की है। इस प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना है।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार हमेशा से जोर देती रही है। देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्त्रां आदि का निर्माण प्रस्तावित है। 166.82 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टयेर भूमि पर बनाया जाएगा, जबकि अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा “इस बहु प्रतीक्षित परियोजना के पूरा होने से विश्व प्रसिद्ध चार धामों में प्रमुख यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा। इस रोपवे परियोजना से श्रद्धालुओं को विशेष लाभ मिलेगा जिन्हें अब यमुनोत्री धाम पहुँचने के लिए साढ़े पाँच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। इसमें 2 से 3 घंटे का समय लग जाता था। इस रोपवे परियोजना से अब अधिक से अधिक श्रद्धालु मात्र 15 से 20 मिनट के भीतर माँ यमुनोत्री देवी के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ ही प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक एवं दर्शनीय हिमालय की अलौकिक पर्वत शृंखलाओं के सौंदर्य से भरे यात्रा का आनंद उठा पाएँगे”।

उन्होंने कहा, “इस रोपवे परियोजना के पूरे होने से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी अपितु रोजगार सृजन होने के साथ क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास भी होगा। मैं परियोजना से जुड़े सभी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। जिनके अथक प्रयास से यह काम अब पूरा होने वाला है”।

पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज ने कहा, “खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का यह रोपवे माँ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने व उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओं में एक और नये अध्याय का काम करेगा। इस रोपवे परियोजना के माध्यम से श्रद्धालुओं के अलावा आम पर्यटक को भी राज्य के अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से देख आनंद का अनुभव कर पाएँगे। इस अनुबंध के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ । राज्य में पर्यटन विकास एवं सरकार द्वारा निरंतर मार्गदर्शन की कड़ी में इस परियोजना के शुभारंभ के लिए मैं राज्यवासियों एवं परियोजना में कार्यरत सभी को बधाई देता हूँ। इस परियोजना का क्रियान्वयन तय समय पर पूरा हो, यही हमारा लक्ष्य है”।

पर्यटन सचिव  सचिन कुर्वे ने बताया कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक रोपवे के बनने से पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही इसके साथ ही यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक बनने वाले रोपवे के माध्यम से देश-विदेश के श्रद्धालु व पर्यटक यमुनोत्री धाम के दर्शन करने के साथ ही उत्तरकाशी की सुरम्य वादियों का भी भरपूर आनंद उठा सकेंगे।

इस अवसर पर विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्वनि पुण्डीर, निदेशक अवस्थपना ले. कमांडर दीपक खंडूरी, अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद, साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल उपस्थित थे।

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